युरिक ऐसिड और गठिया (Gout)
- Dr Ashwini Gaurav, MS
- Oct 21, 2018
- 2 min read

कई लोगों को जोड़ों में दर्द होने पर युरिक ऐसिड की जाँच कराई जाती है और इससे होने वाले गठिया “गाउट” की दवाइयाँ चलाई जाती है। आइए जाने युरिक ऐसिड और इससे होने वाले गठिया के बारें में।
युरिक ऐसिड एक ऐसा पदार्थ है जो हर एक मनुष्य के रक्त में मिलता है। यह पदार्थ हमारी किडनियों के द्वारा शरीर से विसर्जित कर दिया जाता है, पर कभी कभी हमारे खान पान या अंदरूनी शारीरिक गतिविधियों के कारण इसका स्तर हमारे रक्त में बढ़ जाता है जिसको हाईपरयूरिसेमिया (Hyperuricemia) कहा जाता है।
यह उच्च स्तर युरिक ऐसिड, जोड़ की सतह (Cartilage) और आसपास जमा हो जाता है। जब इसके crystals टूटते हैं तो जोड़ भीषण प्रतिक्रिया देता है तो उस परिस्तिथि को हम युरिक ऐसिड से होने वाला गठिया या गाउट (Gout) कहते हैं।
आमतौर पर गाउट 30 वर्ष से अधिक उम्र में पाया जाता है जिसमें पुरुषों की संख्या महिलाओं से 20 गुना तक हो सकती है। इसमें हल्की चोट या बिना किसी कारण अचानक से जोड़ में तीव्र दर्द शुरू हो जाता है। जोड़ में सूजन, लालिमा और ग़र्म होने का अहसास होता है और इसमें कई बार ज़मीन पर पैर रखना भी मुश्किल हो जाता है। कई लोग इसे अपने जीवन का सबसे कष्टमय दर्द भी बताते हैं।
यह रोग सबसे ज़्यादा पैर के अंगूठे में पाया जाता है, पर एड़ी, हाथ की अंगुलियाँ या केहुनी में भी मिलता है। हालाँकि शरीर का कोई जोड़ इससे अछूता नहीं रहता है। बिना ईलाज के यह जोड़ों में स्थायी अकड़न और विकृति कर सकता है। उच्च युरिक ऐसिड का स्तर आगे जा कर किडनी की बीमारी और किडनी में पथरी भी करवा सकता है।
डाक्टर इस स्थिति में X Ray तथा ख़ून और जोड़ के पानी की जाँच करवाते हैं और उसके बाद दर्द और युरिक ऐसिड कम करने की दवाइयाँ चलाते हैं, जिसे कभी कभी पूरी उम्र खानी पड़ सकती है।
हाईपरयूरिसेमिया और गाउट से पीड़ित लोगों को दवाइयों के अलावा अपने आहार में भी परहेज़ करना चाहिए। वैसा भोजन जिसमें पयूरिन (युरिक ऐसिड बढ़ाने वाला तत्व) मौजूद हो उसे ना खाएँ।
परहेज़ करें :
लाल माँस
समुद्री मछलियाँ
फूल गोभी
पालक
मटर
बींस
मूँगफली
मशरूम
राजमा
सफ़ेद ब्रेड
अधिक मात्रा में दाल
कोल्ड ड्रिंक्स/ फल के डिब्बाबंद जूस
शराब
दवाइयाँ जैसे ऐस्प्रिन (Aspirin) और डाईयूरेटिक (Diuretics)
क्या खाएँ:
ताज़े फल
संतरा/ नींबू
दूध
गाजर
ब्राउन ब्रेड
अनानास
हल्दी
अदरक
अंडा
कम मात्रा में ताज़े पानी की मछलियाँ
सही समय पर पहचान और इलाज से युरिक ऐसिड के गठिया और किडनी की परेशानियों से बचा जा सकता है। आज ही अपने डॉक्टर से मिलें।
Comments